ऑक्सीमीटर क्या है ? एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन स्टार कितना होना चाहिए ? how to know oxygen level is low ?

आजकल कोरोना वायरस के संक्रमण को ज्यादा खतरनाक इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसके लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं, हालांकि, इसका एक लक्षण अभी भी इसकी पहचान करने में काफी कारगर साबित हो रहा है। और वह है शरीर में ऑक्सीजन की कमी। शरीर में ऑक्सीजन की कमी न केवल कई अन्य बीमारियों का संकेत है। जब शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है तो इसका सबसे खतरनाक असर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है। ऐसे में कोई भी वायरस और बैक्टीरिया हमारे शरीर पर हावी हो सकते हैं। अगर शरीर ऊर्जा पैदा नहीं कर पाता है तो अचानक हमें कमजोरी महसूस होने लगती है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी के लक्षणों को कैसे पहचाना जाए, ताकि समय रहते न केवल कोरोना और अन्य बीमारियों की पहचान की जा सके।






ऑक्सीमीटर क्या होता हैं?  


1. ऑक्सीमीटर डिजिटल डिस्प्ले वाली एक छोटी सी डिवाइस मशीन होती हैं, जिसे पीपीओ यानी पोर्टेबल प्लस ऑक्सीमीटर भी जाता हैं | 


2. इसका इस्तमाल पेपर या क्लॉथ क्लिप की तरह पीछे दबा कर मरीज की उंगली में फंसाई जाती हैं, जिसके बाद या पहले इसे ऑन करना होता हैं | 


3. इस डिवाइस की मदद से मरीज की नब्ज और खून में ऑक्सीजन के लेवल का पता चलता हैं, डिस्प्ले में इसकी रीडिंग दिख जाता हैं |


4. इसकी सहायता से कोरोना के मरीजकुछ घंटो या नियमित अंतराल पर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकते हैं |  



एक सवस्थ व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्टार कितना होना चाहिए ?

हमारे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर यह बताता है कि कितना ऑक्सीजन हमारे ख़ून के माध्यम से पूरे शरीर में सर्कुलेट हो रहा है | ऑक्सीजन को पूरे शरीर में कैरी करने का काम रेड ब्लड सेल्स करते हैं, वे फेफड़ों से ऑक्सीजन लेते हैं और उसे शरीर की हर कोशिका तक पहुंचाते हैं | क्युकी सेल्स को ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है | जब तक शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य बना रहता है, तब तक हमारा शरीर दुरुस्त रहता है | 

1. ब्लड ऑक्सीजन लेवल का सामान्य स्तर 75 से 100 मिलीमीटर के बीच होता है | 

2. जब ऑक्सीजन का स्तर 60 मिलीमीटर से कम हो जाता है, तब यह ख़तरे का संकेत है | ऐसे         व्यक्ति को तुरंत ऑक्सीजन सप्लिमेंट्स की ज़रूरत पड़ सकती है | 

3. शरीर में ऑक्सीजन की कमी को हाइपोएक्सेमिया कहा जाता है |   



4. शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को मापने के दो प्रचलित तरीक़े हैं. सबसे आसान है पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से इसका स्तर जांचना, लेकिन एक्युरेट रिज़ल्ट के लिए आर्टिरियल बल्ड गैस या एबीजी टेस्ट कराया जाता है | एबीजी में आमतौर पर कलाई के पास से ख़ून का सैम्पल लेकर लैब में टेस्ट किया जाता है | इसका नतीजा एकदम सही आता है| 

5. वहीं भले ही पल्स ऑक्सीमीटर आसान हो, पर इसके नतीजे की एक्युरेसी पर बहुत ज़्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता |इसमें हाथ की उंगलियों पर एक छोटा-सा डिवाइस लगाया जाता है, जो व्यक्ति के पल्स के आधार पर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बताता है | 

6. घरों में इस्तेमाल के लिए यह एक अच्छा और उपयोगी डिवाइस है |  


कैसे पता करें कि ऑक्सीजन का स्तर कम है ? 



1. शरीर को अपनी सभी क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए 70 से 100 मिलीमीटर ऑक्सीजन स्तर की ज़रूरत होती है

2. जब इसका  स्तर इससे नीचे चला जाता है, तब शरीर की नियिमत क्रियाएं बाधित होती हैं, जिसका सबसे पहला असर थकान के रूप में दिखाई देने लगता है | 

3. सांस लेने में दिक़्क़त होने लगती है | कुछ लोगों की सांस फूलने लगती हैं | शरीर में रक्त का प्रवाह धीमा पड़ जाता है, जिसकी वजह से बेचैनी और घबराहट बढ़ जाती है | ऐसी स्थिति में दिल की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ जाती है| 

4. तेज़ सिरदर्द, सीने में दर्द, देखने में समस्या, सिर चकराना, शरीर का लड़खड़ाना जैसे कई दूसरे लक्षण भी ऑक्सीजन की कमी की ओर इशारा करते है | 

 

Ashokita Blogging

itsashokita.blogspot.com is the best website for your related information. visit for the best article like Games, Health, Tips, World History, etc.

Post a Comment

Previous Post Next Post